मेरा यह चेहरा 1985 की हैं।
मैं चन्द्रशेखरन नायर केरल में तिरुवनन्तपुरम जिने का रहनेवाला 58 साल (उम्र) के पूर्व सैनिक हूँ। मैं एस.एस.एल.सि तक पढा लिखा हूँ। हिन्दी में अच्छी तरह लिख नहीं सकता तो भी मेरा कोशिश जारि रहेगा।
मेरा यह चेहरा 1985 की हैं।
मैं चन्द्रशेखरन नायर केरल में तिरुवनन्तपुरम जिने का रहनेवाला 58 साल (उम्र) के पूर्व सैनिक हूँ। मैं एस.एस.एल.सि तक पढा लिखा हूँ। हिन्दी में अच्छी तरह लिख नहीं सकता तो भी मेरा कोशिश जारि रहेगा।
चन्द्रेटन्… आप्को शुभ्कामनायॆ। हिन्दी मै भी आप अप्ना कर्म कुशलता दिखाइए। 🙂
कृपा करके इस पल्ले पर आयें और सारे पता वहाँ दिया हुआ हैं।
Very inspiring – best wishes all the way from the UAE.
farrukh
ചന്ദ്രഹ്സെഖര ജീ,
കാഫീ അച്ഛീ ഹിന്ദീ ഹൈ ആപകീ |
മൈ ഭീ ദൊ സാല കെരല (പാലക്കഡ്)രഹാ ഹൊ സൊ കൊര്ച്ചു മള്യാള്മ അരിയൊ 🙂
നമസ്കാരം
नायर जी… बहुत अच्चा … आपका कोशिश जरूर काम्याब होगा ।
मेरा शुभकामनाये आप का साथ हे ।
ये बहुत अछा हो गया / आप्को मेरा शुभ्कामनावोॅ के सात मेरा प्रणाम /
आपका बहुत बहुत स्वागत है कृपया लिखते रहें
आपका स्वागत है. भूलो को भूल कर कोशिश करते रहें. हम है ना पढ़ने के लिए. 🙂
हमारी शुभकामनाएं.
प्रिय भाई चंद्रशेखरन नायर !
हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है. आपका आना हमारे लिये विशेष महत्व रखता है . गलतियों की चिंता न करें .
aapko meri shubhkamnayein
लिखते रहें । हम पढते रहेंगे ।
चन्द्रशेखर जी…आपका स्वागत है…यह एक सुखद आश्चर्य है कि हिन्दी बेल्ट से इतना दूर बैठा कोई हिन्दी प्रेमी अपनी आकांक्षाएं, अभिव्यक्तियाँ , अपेक्षाएं और वेदनाएं हिन्दी में लिख रहा है/ इस कोशिश का हार्दिक स्वागत है
आपकी कोशिश बहुत सराहनीय है. लिखते रहिये.
मैं कोच्चि में हूं एवं आपकी मदद के लिये उपलब्ध हू.
— शास्त्री जे सी फिलिप
आपको मेरा नमस्कार.
भूमंडलीकरण के प्रभावों पर कुछ लिखिये. केरल में खेती-किसानी पर क्या असर हो रहा है थोड़ा उसके बारे में बताईये. मैं आपके ब्लाग का लिंक अपनी साईट पर दे रहा हूं.
चंद्रशेखरण जी
पहली तो बात यह कि आपकी हिंदी बहुत अच्छी है. दूसरी यह कि यह जान कर बहुत अच्छा लगा कि कोई है ब्लोग की दुनिया में भी जो किसानों की मुश्किलें उठा सकता है. सच कहूं तो मुझे आपसे प्रेरणा मिली. आप नियमित रुप से और लगातार लिखिए. ताकि व्यवस्था के हाशिए पर चले गए किसानों की समस्याएँ दुनिया के सामने आ सकें.
आज इध्रर से आया । मैं भी हिन्दी लिखने का प्रयास करूंगा ।
श्री धनजी देवासी पशुपालक प्रकोष जालोर राजस्थान
ब्लोग की दुनिया में भी जो किसानों की मुश्किलें उठा सकता है. सच कहूं तो मुझे आपसे प्रेरणा मिली. आप नियमित रुप से और लगातार लिखिए. ताकि व्यवस्था के हाशिए पर चले गए किसानों की समस्याएँ दुनिया के सामने आ सकें.किसान भाई को हर तारे की मदत करनी चाहिए . सरकार को किसान भाई का ध्यान रखना किसान बोत पिशे है
jay javan jay kisaan jay bharat जय जवान जय किसान जय भारत
धनजी देवासी सरनाउ
पशुपालक प्रकोष जालोर राजस्थान
मैं राजस्थान का रहने वाला हू जालोर ज़िला साँचोर ताहील गाव सरनाउ आपका हार्दिक सवागत करता हू
मदन देवासी सरनाउ ने बताया ; – हमारे साँचोर तशील मैं नर्मदा का पानी आया है साँचोर के किसान भाई बोत कुश है राजस्थान की तेज़स्वी मुख्यमत्री वसुधरा जी राजे ने बोत विकाश करवाए है राजस्थान के किसान के ज़ुबान पर यहे है वा क्या मुख्यमत्री जी है राजस्थान की तकदीर बदल दी . हम सवागत करते है भारतीय जनता पार्टी जयपुर
मदन देवासी सरनाउ [ साँचोर जालोर ]
धनजी देवासी सरनाउ, मदन देवासी ,
मैं जानता हूँ कि अगर राजस्थान में पानि मिले तो क्या होगा। कुच्छ साल पहले मैं जोधपूर में था तब ऐसे बारिश हुये थे मेरा दिल से कभी नहीं मिटेगा। मुझे रेल में सफर करमा पडा। छत्री के जरूरत मेहसूस हुआ। बोगी के अंदर भी बारिश समान ही था। पटडी के नीचे कि मट्टी बह जाने की कारण बहूत देर लगा यात्रा केलिये।
मैं Quarters के पीझे बगीचा बनाई। उससे बहूत ही सबजी हमें मिला।
“हमारे साँचोर तशील मैं नर्मदा का पानी आया है ”
इस से ज्यादा और खुशी की बात सुन भी नहीं सकता। राजसातान की मटी को पानी मिले तो उतना पैदावार होगा जो भारत में ऐसे कोई जगह नहीं होगा।
किसानों की आवाज सुनाने और सुनने केलिये ब्लोग अच्छी जगह हैं।
चिमनी का उजास निम्बाराम
सांचौर [जालोर], सरनाऊ के रेबारी परिवार में जन्में निंबाराम देवासी का भारतीय प्रशासनिक सेवा में 470वीं रेंक पर चयन हुआ है। देवासी ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हेें बड़े भाइयों से मिली। उन्होंने कहा कि पूरे परिवार व दोस्तों के सहयोग बिना वे शायद मजिंल की सीिढ़यों के बीच में ही अटक जाते। माता-पिता को तो ठीक से यह पता भी नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं। बस उनका आशीर्वाद और विश्वास सदा साथ रहा और वे पढ़ते गए। वे प्रशासनिक सेवा में वचिंत व गरीब मानव की सेवा करने का उद्देश्य लेकर कार्य करेंगे।
ढाणी में बसता है परिवार
सोनाराम देवासी के घर हीरादेवी देवासी की कोख से जन्मे निम्बाराम के परिवार में सांवलाराम व रायचंद दो बड़े भाई व एक बहन मूंगी है। परिवार का मुख्य व्यवस्ााय कृषि व पशुपालन हैं। एक बड़ा भाई मेल नर्स है। गांव की आबादी से करीब तीन किलोमीटर दूर ढाणी में संयुक्त परिवार निवास करता हैं। देवासी ने बताया कि वे प्रतिदिन विद्यालय तक तीन किलोमीटर पैदल चलकर जाया करते थे। उस समय वे चिमनी के उजाले में अध्ययन करते थे।
ऐसे पूरी हुई शिक्षा
देवासी ने प्राथमिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय हुकमा की ढाणी सरनाऊ, उच्च प्राथमिक शिक्षा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सरनाऊ, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालोर से ग्रहण की। कॉलेज शिक्षा राजकीय महाविद्यालय जालोर व एमए राजस्थान विश्वविद्यालय से इतिहास व भारतीय संस्कृति विभाग में पूर्ण की। उन्होंने एमफिल व नेट भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। उन्होंने वर्ष ख्00म् में एसजीएल काबरा टी.टी. कॉलेज जोधपुर से बीएड कर आरपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उनका चयन हुआ। वर्तमान में वे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जैतपुरा (रानीवाड़ा) में तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
गांव में जोरदार स्वागत
देवासी का शनिवार को ग्रामीणों ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। स्वागत में धनजी देवासी सरनाउ ( डेरी आध्यक्ष सरनाउ )सांवलाराम देवासी, नरींगाराम देवासी, महादेवाराम देवासी, हंजाराम देवासी, दरगाराम देवासी, चतराराम, बिजलाराम देवासी, राजुराम कोडका, गजेन्द्रदेवासी, अल्लाह बख्श, हेमाराम मेघवाल, गौतमचंद जैन व रघुनाथ विश्नोई सहित कई लोग उपस्थित थे।
समाज का पहला आईएएस
मदन देवासी सरनाउ
धनजी सरना उ : – पशुपालक प्रकोष ने बताया की देवासी समाज गायो लेकर बाहर जाते है चम्बल घाटी, विन्ध्याचल पर्वतमाला, अरावली के पहाडी़ क्षेत्रों में वनों पर आजीविका चलाने वाले कुछ अत्यन्त आदिम जीवन जीने वाले समूह सम्मिलित हैं जिनकी खैरखबर कोई नहीं ले रहा था। सभ्य, विकसित विकासशील समाज के लिये यह सोचनीय विषय होना चाहिये। इसके अलावा 2 लाख रैबारी,मारबाडी़ एवं पशुपालक
राज्य के अंदर व अन्य राज्यों में भटकते फ़िरते हैं। पशुओं व बच्चों को लेकर यह खानाबदोश
आदि जीवन जीने को मजबूर हैं। राजस्थान की मुख्यमत्री वसुधरा जी राजे ने देवासी समाज की आवाज़ सुनी है
धन्यवाद
आपका बहुत बहुत स्वागत है कृपया लिखते रहें
चन्द्रेटन्… आप्को शुभ्कामनायॆ, I can’t write in Hindi or Malayalam properly but really appreciate the hard work that you’ve put here.
बड़े भाई चंद्रशेखरन नायर जी,
बहुत अच्छा लगा आपके और आपके ब्लॉग के बारे में जानकर। मैं भी एक किसान ब्लॉगर हूं। किसानों और गांवों का पक्ष रखने के लिए ही ब्लॉगिंग में आया। पहले आपके बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन जब जाना तो खुशी की सीमा नहीं रही।
जय हिंद ! बंधुवर ग्रामीण खेती बाड़ी पर आधारित आपके ब्लॉग को देखा ,प्रसन्नता है !आपसे एक अनुरोध है अपना ईमेल पता भेजें .jay.choudhary16@gmail.com
aapke fouji aur hindustani hone ke karan aap jo hindi sikhane ki koshish kar rahe ho bahut hi sarahana yogy he.